My Indian Thali : A Classic Combination Of Tradition And Nutrition
17 Jan, 2023Diet or Ahaar always plays a key role in our day to day routine and wellbeing. Thali has been use...
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Diet or Ahaar always plays a key role in our day to day routine and wellbeing. Thali has been used traditionally to serve an entire meal and is the big platter that is used to accommodate all the food preparations of a certain mealtime.
In India, Thali is a popular assembly of different food items and varies from region to region. It represents India’s dining culture and is an integral part of every festival, celebration and Dincharya.
It is a balanced and nutritious meal that offers all the key nutrients needed by an individual such as carbohydrates, fibres, proteins, fats, vitamins and minerals.
The Panchamahabhoota theory of Ayurveda says that the human body is composed of the five elements(the Pancha Mahabhootas), namely Earth (Prithvi), Water (Ap), Fire (Teja), Air (Vayu) and Ether (Akasha).
In addition to this, proper time (Kala Yoga), particular disposition of nature (Swabhava Samsiddhi), excellence of properties of food (Ahara Sausthava) and absence of inhibiting factors (Avighata) are the factors responsible for the growth of the body. So, a diet is planned with an aim to maintain a balance in these 5 elements so that a state of homoeostasis could be achieved.
According to Ayurveda, a normal Thali contains all the 6 Rasas namely sweet, sour, salty, pungent, bitter and astringent.
“Rasa” in Sanskrit means taste. In Ayurveda, it plays a very significant role as it helps in determining the overall effect of various food items, herbs, spices and beverages on the state of body, mind and spirit. The six rasa are-
Indian Thali is a combination of one grain, one lentil (daal) with some tadka (tempering), some vegetables, sour chutney, raita, papad, pickle, and some fats that include ghee and spices.
The thali is a perfect combination of grains and lentils that helps in fulfilling the basic needs of the human body. It provides nourishment and improves overall health and wellness.
The combination of these food items helps in improving the digestive fire (Agni) and balances the three Doshas of the body. Eating according to the Prakriti, Rasa, Quality, Quantity and Tridoshas can help in improving vitality and keeping diseases at bay.
All preparations in a Thali strengthen each other's quality and produce a synergistic effect to give us high energy levels through a balanced diet.
As more and more people have a hectic lifestyle where there is less time to cook every little component of a Thali, these little accompaniments have slowly been disappearing. There is a need to pay more emphasis on balancing all the 6 Rasas in our diet as these play an important role as an appetizer and acts as taste enhancers.
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Read moreमजबूत पाचन शक्ति के लिए अपनी डाइट में शामिल करें यह खाद्य पदार्थ, Digestive Care Therapy लेना न भूलें !
“दो वक़्त की रोटी का जुगाड़”, यह टर्म तो आपने जरूर सुना होगा, कभी बॉलीवुड फिल्मों में तो कभी आम जिंदगी में। जिंदगी का सारा दारोमदार दो वक्त की रोटी के लिए ही लोग करते हैं। Good Food = Good Mood, आप भी इस बात से जरूर वाकिफ होंगे लेकिन जरा सोचिए यदि आपका digestive system खाना को पचाने में सक्षम न हो तो फिर आपका मूड कैसा होगा और आपके overall health पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। आप माने या न माने लेकिन एक हेल्दी लाइफ के लिए healthy digestive system का होना बेहद आवश्यक है। यदि किसी भी कारण से आपका डिजेस्टिव health डिस्टर्ब होता है तो इसका प्रभाव आपके संपूर्ण जीवनशैली पर पड़ सकता है।
In short यदि समझने का प्रयास करें तो आपके digestive system का healthy होना खासतौर से सेहतमंद रहने और खान-पान के लिए काफी जरूरी है। यदि आप भी सेहतमंद रहना चाहते हैं तो आपको अपने पाचन शक्ति को मजबूत बनाना होगा। आज इस आर्टिकल में हम आपके पाचन शक्ति को मजबूत करने के लिए डाइट में शामिल किये जाने वाले कुछ खास खाद्य पदार्थों का जिक्र करने जा रहे हैं। इसके साथ ही आपको बताएंगे Maharishi Ayureveda Digestive Care Therapy के बारे में। तो देर किस बात कि, आईए जानते हैं पाचन को मजबूत बनाने वाले इन बेहद खास खाद्य पदार्थों के बारे में।
अगर आपको भी आए दिन कुछ भी खाने के बाद पेट में गुरगुराहट, अपच, कब्ज या गैस की समस्या होती है तो आपको जान लेना चाहिए की आपका पाचन तंत्र सुचारु रूप से काम नहीं कर रहा है। इसके समाधान के रूप में आप अपनी डाइट में कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकते हैं जो न केवल आपके पाचन तंत्र को मजबूती देगा बल्कि आपके overall wellbeing के लिए भी महत्वपूर्ण होता है।
आयुर्वेद कहता है कि आपके पेट की सेहत आपकी सम्पूर्ण स्वास्थ्य पर असर डालती है। स्वस्थ पाचन का राज है सही और संतुलित पाचन अग्नि यानि digestive fire। हमारी पाचन अग्नि की मजबूती और स्वास्थ्य पर हमारी जीवनशैली और हम जो खाना खाते हैं, उसके प्रकार, गुणवत्ता, और तापमान का बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, ठंडा खाना, गलत खाद्य पदार्थों का संयोजन, processed food, meat आदि से अपच की समस्या हो सकती है और पेट में toxic पदार्थों का जमाव हो सकता है जो acidity का कारण बन सकता है पाचन क्रिया को बाधित करता है। इस वजह से आगे चलकर बहुत से लोगों को imbalance bowel movement, acidity, stomach pain, emotional stress, constipation आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हमारे प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में इस बात का खास जिक्र किया गया है कि, एक सुचारु पाचन क्रिया के लिए digestive fire का balanced रहना बेहद आवश्यक है।
Maharishi Ayurveda ने लाखों लोगों के पाचन तंत्र से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के निदान के लिए खासतौर से Digestive Care Therapy का निर्माण किया है। यह पाचन से जुड़ी समस्याओं के मूल कारणों पर काम करता है और पाचन अग्नि को संतुलित रखने में बेहद मददगार साबित होता है। इस digestive care therapy में आपको मुख्य रूप से इन तीन उत्पादों का बेहद खास कॉम्बो मिलता है।
Digestive care Therapy के इस पैक में आपको Amlant की 60 गोलियां, Dizomap की 60 गोलियां और Triphala की 60 गोलियां मिलती हैं। तो देर किस बात कि यदि आपको भी पाचन से जुड़ी समस्याओं से आये दिन दो चार होना पड़ता है तो आज ही आर्डर कीजिये Maharishi Ayurveda का यह ख़ास कॉम्बो।
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